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लघु कथा – गुरुदेव ओशो

१. सुना है मैंने कि एक गांव में बड़ी बेकारी के दिन थे । अकाल पड़ा था और लोग बहुत मुश्किल में थे। एक सर्कस गुजर रहा था गांव से। स्कूल का एक मास्टर {…}

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लघु कथा – गुरुदेव ओशो

१. तप का अर्थ है, वह व्यक्ति पहली दफे भीतर आत्मवान बनता है। जब तक दुख आपको हिला देता है, आप दुख से कमजोर हैं। सुख हिला देता है, सुख से कमजोर हैं। कोई {…}

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गीता दर्शन -गुरुदेव ओशो

1. संसार क्षणभंगुर है, इसलिए संसार से आया सुख भी क्षणभंगुर है। जैसे आ गया सुख; फिर अगले ही पल आ, गया सुख। ब्रह्म शाशवत है, इसलिए ब्रह्म से आया सुख भी शाशवत है। {…}

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