वास्तु के शकुन

वास्तु के शकुन

-भूमि की खुदाई में जीवित सर्प निकले तो दुर्घटना का सूचक होता हैं। ऐसे में सर्प शांति कराकर कार्य आगे बढ़ाएं।

– भूमि खोदते समय हड्डी या राख निकले, तो वहां शांति पाठ व पूजा कराएं।

– बहुत अधिक पथरीली भूमि पर बने भवन के निवासियों को प्रायः कोई न कोई कष्ट बना ही रहता है।

– भूमि का क्षेत्र चैरस तथा आयताकार हो तो शुभ होता है। परंतु यदि भूखंड टेढ़ा-मेढ़ा, त्रिकोणाकार या असमतल हो, तो घर के सदस्यों को कष्ट अत्यधिक सताता है।

– घर में उत्तर-पूर्व की तरफ के भाग का खुला होना शुभ होता है।

– घर के मध्य क्षेत्र में किसी बड़े गड्ढे या बहुत वजनी का सामान अथवा गंदगी होना घर के मुखिया के लिए हानिकारक होता है।

– घर का मुख्य द्वार अत्यधिक बड़ा या विशाल न हो अन्यथा कई प्रकार की दुखद घटनाएं होती हैे।

– अधिक ऊंचे दरवाजे होने से वहां प्रशासनिक बाधाएं आती हैं।

– यदि घर का मुख्य दरवाजा अत्यधिक छोटा हो, तो चोरों का भय रहता है।

– यदि घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने सड़क हो, तो घर में रहने वालों पर संकट उत्पन्न हो सकता है।

– घर के मुख्य द्वार के सामने कोई वृक्ष हो, तो वहां के निवासी ईष्र्यालु हो जाते हैं।

– यदि घर के समक्ष कुआं हो, तो गृहवासी मस्तिष्कीय व्याधि से ग्रस्त हो जाते हैं।

– यदि घर में अचानक ही काले चूहों की संख्या बढ़ जाए तो किसी विपरीत के अनायास आगमन का अंदेशा रहता है।

– जिस घर में काली चींटियां समूहबद्ध होकर घूमती हों, तो वहां सुख-ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। और लाल चींटियां इस प्रकार घूमें तो बड़े नुकसान की संभावना बन जाती है।

– जिस घर में दीमक या मधुमक्खी का छत्ता हो तो गृहस्वामी को असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है।

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