न्याय के देवता कहे जानें वाले शनिदेव 17 जनवरी 2023 को राशि परिवर्तन करेंगे और कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनिदेव के इस गोचर का कई राशियों के जातकों पर सकारात्मक और कई राशियों के जातकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव जिस जातक की कुंडली में शुभ प्रभाव में होते हैं, उन्हें कई लाभ होता है। वहीं जिस जातक की कुंडली में शनिदेव अशुभ प्रभाव में होते हैं। उन्हें जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मेष राशि–
राशि से एकादश लाभ भाव में गोचर करते हुए शनिदेव बेहतरीन सफलता दिलाएंगे। यूं समझिए कि इनका यह राशि परिवर्तन आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सोची-समझी सभी रणनीतियां कारगर सिद्ध होंगी। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और बड़े भाइयों से मतभेद बढ़ने न दें। कार्य व्यापार में उन्नति होगी किंतु प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी। विद्यार्थियों और प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी समय बेहतरीन रहेगा। शनिदेव से संबंधित और सुखद लाभ प्राप्ति के लिए शनि के वैदिक मंत्र अथवा स्तोत्र का पाठ करें।
वृषभ राशि–
राशि से दशम कर्मभाव में गोचर करते हुए शनिदेव कई तरह के अप्रत्याशित परिणामों का सामना करवाएंगे। माता-ता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में किसी भी तरह के बड़े टेंडर के लिए आवेदन करना हो तो उस दृष्टि से ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। कोई भी बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना हो अथवा किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना हो तो भी ग्रह फल अति अनुकूल रहेगा। शनिदेव की कृपा हमेशा प्राप्त होती रहे इसके लिए शनि स्तोत्र का पाठ करें।
मिथुन राशि–
राशि से नवम भाग्य भाव में गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव आप में साहस और पराक्रम की वृद्धि कराएगा किंतु कई बार आपका कार्य बड़ी मंदगति से होगा जिससे आप निराश भी हो सकते हैं किंतु इन सब चीजों को अपने ऊपर हावी ना होने दें सफलता आपको ही मिलेगी। काफी दिनों का प्रतीक्षित परिणाम सकारात्मक मिलेगा। विदेशी कंपनियों में सर्विस अथवा नागरिकता के लिए प्रयास करना हो तो ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। दूसरे देश की नागरिकता के लिए भी अवसर अनुकूल है शनि देव का और सुखद फल आपको मिलता रहे उसके लिए पीपल का वृक्ष लगाएं।
कर्क राशि-
राशि से अष्टम आयु भाव पर गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता विशेष करके स्वास्थ्य के प्रति आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। कार्यक्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचें, बेहतर रहेगा काम संपन्न करें और सीधे घर आएं। कोर्ट-कचहरी के मामले भी बाहर ही सुलझा लेना समझदारी रहेगी। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद हल होंगे। ससुराल पक्ष से मतभेद और दांपत्य जीवन में कटुता न आने दें। विवाह संबंधी वार्ता मैं थोड़ा और समय लग सकता है। शनिदेव की शांति करवाना सभी कार्य बाधाओं से मुक्ति देगा।
सिंह राशि –
इस राशि पर शनि सप्तम भाव में सक्रिय रहेंगे. सामाजिक धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी. आर्थिक मामलों में सफलता और लाभ के योग हैं. पति-पत्नि के बीच अधिकांशतः सुख-शांति, सहयोग पर महत्वपूर्ण कार्यों में संघर्ष परेशानी संभव है. आकस्मिक अनावश्यक खर्चों से बचें. बचत बैलेंस पर अधिक ध्यान दें. किसी के बहकावे में न आएं. यह भी संभव है कि किसी काम में अथक परिश्रम के बावजूद असफलता मिलेगा, निराश न हों. पुराने कष्ट, पुराने रोग से मुक्ति भी मिल सकती है. सरकारी कार्य करते पदोन्नति के योग भी हैं.
कन्या राशि –
राशि से छठे शत्रु भाव में गोचर करते हुए शनिदेव बेहतरीन सफलता दिलाएंगे। काफी दिनों के प्रतीक्षित कार्य संपन्न होंगे। शत्रु परास्त होंगे कोर्ट कचहरी के मामलों में भी निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत। पैतृक संपत्ति संबंधी विवाद हल होगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत। यात्रा देशाटन का लाभ मिलेगा। अत्यधिक खर्च के कारण आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है। सब कुछ सुखद रहेगा किंतु इस अवधि के मध्य किसी भी बड़े कर्ज के लेन देन से बचें। शनिदेव की और शुभता आपको प्राप्त होती रहे उसके लिए शनि स्तोत्र का पाठ करें।
तुला राशि–
राशि से पंचम विद्या भाव में गोचर करते हुए शनिदेव आपको जीवन के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचाएंगे किंतु छल कपट और प्रपंचों से दूर रहना होगा अन्यथा नुकसान भी हो सकता है। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। प्रेम संबंधी मामलों में प्रगाढ़ता आएगी। प्रेम विवाह भी करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। आय के साधन बढ़ेंगे। उच्चाधिकारियों से मेलजोल बढे़गा, उनसे लाभ भी होगा। काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद। नवदंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के भी योग। शनि देव के वैदिक मंत्र का जप करना शुभता में वृद्धि करेगा।
वृश्चिक राशि–
राशि से चतुर्थ सुख भाव में गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव काफी उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। सफलताओं के बावजूद कहीं न कहीं पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ेगा। मित्रों तथा संबंधियों से भी अप्रिय समाचार प्राप्ति के योग। जमीन जायदाद से जुड़े मामलों का निपटारा होगा। मकान अथवा वाहन का क्रय करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। कार्य व्यापार में उन्नति होगी। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। शनिदेव के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए इनकी शांति करवाना और पीपल वृक्ष का आरोपण करना सुखद रहेगा।
धनु राशि–
राशि से तृतीय पराक्रम भाव में गोचर करते हुए शनिदेव आपके लिए प्रतीक्षित परिणामों का सुखद अंत करवाएंगे। जैसी सफलता चाहेंगे हासिल करेंगे। अपने अदम्य साहस और पराक्रम के बलपर विषम परिस्थितियों पर भी आसानी से नियंत्रण पा लेंगे। लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना होगी। धर्म और अध्यात्म में रूचि बढ़ेगी यहां तक कि समाज सेवा के प्रति पूर्ण समर्पित रहेंगे। संतान संबंधी चिंता परेशान करेंगी उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अपनी ऊर्जाशक्ति का सदुपयोग करते हुए कार्य करेंगे तो अधिक सफल रहेंगे। शनिदेव का वैदिक मंत्र जप और सफलता देगा।
मकर राशि–
राशि से द्वितीय धनभाव में गोचर करते हुए शनिदेव आर्थिक पक्ष मजबूत करेंगे। काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद है। पैतृक संपत्ति एवं वाहन सुख प्राप्ति के योग। जमीन-जायदाद अथवा मकान वाहन का क्रय करना चाह रहे हो तो उस दृष्टि से ग्रह फल अति अनुकूल रहेगा। स्वास्थ्य विशेष करके दाहिनी आंख से संबंधित समस्या से सावधान रहें। शरीर के जोड़ों में भी दर्द बढ़ सकता है उस पर भी ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। कोर्ट-कचहरी के मामले बाहर ही सुलझा लेना समझदारी रहेगी। शनि स्तोत्र का पाठ करना अति उत्तम रहेगा।
कुंभ राशि–
आपकी राशि में गोचर करते हुए शनि देव का प्रभाव अच्छा ही कहा जाएगा यद्यपि ऐसा भी माना जा सकता है कि साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव भी मिल सकता है किंतु यह सब आपके चाल, चेहरा और चरित्र पर निर्भर करेगा। जैसा कार्य करेंगे वैसे ही शनि की कृपा मिलेगी। शासन सत्ता का पूर्ण सहयोग मिलेगा। कोर्ट कचहरी के मामलों में निर्णय आपके पक्ष आने के संकेत हैं। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी समय बेहतरीन रहेगा। विदेश में पढ़ाई करने के लिए प्रयास कर रहे हों तो अवसर अच्छा है। शनिदेव का वैदिक मंत्र जाप सुख में वृद्धि करेगा।
मीन राशि–
राशि से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए शनिदेव का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। अत्यधिक भागदौड़ और खर्च का सामना तो करना ही पड़ेगा आर्थिक तंगी बढ़ सकती है इसलिए अपव्यय से बचें। साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से भी दो-चार होना पड़ेगा इसलिए बेहतर रहेगा कि अपने कार्य पर ध्यान दें और दूसरों को परेशान करने से बचें। जितने अच्छे कर्म करेंगे साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव उतना ही कम मिलेगा। जितने बुरे कर्म करेंगे। साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव उतना अधिक रहेगा अतः सब कुछ आप पर ही निर्भर करता है फिर भी शनिदेव की शांति करवाना, पीपल का वृक्ष लगाना सर्वोत्तम रहेगा।