दुर्लभ अखंड साम्राज्य योग
- March 28, 2022
- By : Jignesh Ajit Ganatra
परिभाषा – लाभेश (ग्यारवे भाव का स्वामी), धर्मेश (नवम भाव का स्वामी) तथा धनेश (दूसरे भाव का स्वामी) इनमें से कोई एक भी ग्रह यदि चंद्र लगन से अथवा लग्न से केंद्र स्थान में {…}
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