मोर पंख के ढेरों लाभ

मोर पंख के ढेरों लाभ

भारत में मोर को राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा प्राप्त है। हर तरह से इसे मनमोहक माना जाता है। अपने नाम से लेकर संपूर्ण रूप तक हर तरह से ये बेहद खूबसूरत माना जाता है। बात इसकी सूरत की हो, पंखों की या फिर इसकी आवाज की मोर हर किसी के मन को भाता है। जितना खूबसूरत ये दिखता है उतने ही खूबसूरत इसके पंखों के फायदे भी हैं। तो वहीं अगर इसे हिंदू धर्म से जोड़कर देखा जाए तो ये हमारे देवी-दवताओं के भी अत्यंत प्रिय माने जाते हैं। मां सरस्वती, श्रीकृष्ण, मां लक्ष्मी, इन्द्र देव, कार्तिकेय, श्री गणेश सभी को मोर पंख किसी न किसी रूप में प्रिय है। इसके अलावा वास्तु शास्त्र और ज्योतिष में भी इसका अहम स्थान है। यही नहीं मोर के पंख का हमारे जीवन पर भी गहरा असर पड़ता है। वास्तु के अनुसार मोर के पंख को अगर हम सही दिशा और सही तरीके से रखते हैं तो ये हमारी किस्मत भी बदल सकता है। अतः आज हम आपको मोर पंख किस दिशा में रखना चाहिए और इसके फायदों से अवगत करवाने जा रहे हैं।

प्राचीन काल से ही मोर पंख को लेकर लोग कई तरह के प्रयोग करते आए हैं। इसके पंखों से होने वाले चमत्कारों को हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय में मानते हैं। दोनों समुदाय ये मानते हैं कि मोर के पंख के प्रयोग से अमंगल टल जाता है। वहीं सभी शास्त्रों व ग्रंथो तथा वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में मोर के पंखों का अति महत्त्वपूर्ण स्थान है। क्यों है मोर का पंख की खासियत और क्या हैं इसके विशेष उपाय, जिनसे दूर होंगी आपकी परेशानियां, आइए जानते हैं…

नव ग्रहों की खराब दशा से बचने के लिए भी मोर का पंख आपकी मदद कर सकता है। घर में अलग अलग स्थान पर मोर का पंख रखने से घर का वास्तु दोष दूर होता है। वहीं मोर का पंख में किसी भी स्थान को बुरी शक्तियों और प्रतिकूल चीजों के प्रभाव से बचाकर रखने की क्षमता होती है। इसलिए मोर के पंखों को घर में लगाना चाहिए जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।

मोर के पंख का उपयोग रोगों के इलाज के लिए भी किया जाता है। मोर के पंख से तपेदिक, दमा, लकवा, नजला तथा बांझपन जैसे रोगों का इलाज किया जा सकता है। वहीं घर के दक्षिण-पूर्व कोण में मोर का पंख लगाने से घर में बरकत होने लगती है। घर से सदस्यों की अचानक से आनेवाले किसी भी कष्ट से रक्षा होती है।

कालसर्प दोष को भी दूर करने की इस मोर के पंख में अद्भुत क्षमता है। कालसर्प वाले व्यक्ति को अपने तकिये के खोल के अंदर 7 मोर के पंख सोमवार की रात को रखना चाहिए और उसी तकिए पर सोना चाहिए। वहीं मोर के पंख और सांप के बीच में दुश्मनी है इसलिए मोर का पंख घर में रखने से सांप घर में प्रवेश नहीं करता। इसके अलावा मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार में लगाने से राहू का दोष की भी नहीं परेशान करता है।

मोर का पंख पढ़नेवाले विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होता है। विद्यार्थी पुस्तकों के बीचों-बीच अभिमंत्रित मोर पंख रख कर लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा मंत्र सिद्धि के लिए जपने वाली माला को मोर के पंखों के बीच रखना चाहिए। वहीं मोर के पंख का इस्तेमाल करके भूत-बाधा, नजर दोष, रोग मुक्ति, ग्रह दोष, वास्तु दोष जैसी समस्याओं से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सकता है।

मोर का एक पंख किसी मंदिर में राधाकृष्ण कि मूर्ती के मुकुट में 40 दिन के लिए स्थापित करें। हर रोज शाम को मक्खन और मिश्री का भोग लगाएं। फिर 41 वें दिन उसी मोर के पंख को मंदिर से घर लाकर अपने लॉकर में रखें। इससे घर में सुख शांति की वृद्धि होती है। वहीं मोर के पंख को चांदी की ताबीज में डालकर नवजात बच्चे के सिर के पास रखने पर बच्चे की नजर दोष और किसी भी तरह की अला-बला से रक्षा होती है।

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