लाल किताब के अनुसार यह कहा गया है कि चांद के मकान में रहना बहुत लाभदायक होता है। इससे परिवार वालों का स्वास्थ्य बना रहता है साथ में धन में वृद्धि भी होती है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि किसी जातक की कुंडली देखकर उसके मकान की स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं जातक की कुंडली के अनुसार उसका मकान भी निर्मित किया जा सकता है। लाल किताब में यह बताया गया है कि हर एक ग्रह का अपना मकान होता है जिसके लाभ और हानी दोनों होते हैं।
अगर मकान के पास कीकर, आम या खजूर का वृक्ष है तो उसका मतलब की यह मकान शनि का है। ऐसे घर की पीछे वाली दीवार कच्ची होती है, अगर यह दीवार गिर जाए तो इसका मतलब की शनि पक्ष खराब है। लाल किताब के अनुसार चंद्र का मकान ज्यादातर पश्चिम या उत्तर कोण में ही निर्मित किया जाता है। ऐसे ही मकान से कुछ दूर पानी का स्त्रोत होता है।
इन मकानों के आसपास दूध वाले पौधे या पेड़ पाए जाते हैं। अगर चंद्र का मकान पश्चिम में है तो इसके ऊपर शनि का प्रभाव रहता है, दूसरी ओर, अगर यह घर उत्तर में है तो इसके ऊपर गुरु का प्रभाव रहता है। यहां जानिए चंद्र के मकान में रहने के क्या फायदे हैं।
मानसिक शांति बनी रहती है
लाल किताब में यह बताया गया है कि जिन जातकों का घर चंद्र का होता है उनका मानसिक स्वास्थ्य हमेशा बेहतर रहता है। ऐसे लोगों को मानसिक शांति मिलती है और इनसे परेशानियां दूर रहती हैं।
महिलाओं की सेहत रहती है उत्तम
जिन जातकों का घर चंद्र का होता है उनके परिवार की महिलाएं हमेशा स्वस्थ रहती हैं। इनके परिवार की महिलाएं रोगों से दूर रहती हैं।
धन में होती है बरकत
चंद्र के घर में रहने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ऐसे घर में कभी भी पैसों की तंगी नहीं होती है और धन में बरकत होती रहती है। ऐसे लोगों के घरों में समृद्धि हमेशा बनी रहती है।
सुख और सुविधाओं से परिपूर्ण
चंद्र के मकान में रहने वाले जातकों को हर एक सुख और सुविधाएं मिलती है। उनके घर में वैभव हमेशा बना रहता है।
जुबान की मिठास है लाभकारी
अगर चंद्र के मकान में रहने वाले जातकों का जुबान मीठा है यानी यह लोग अगर व्यवहार में सर्वश्रेष्ठ हैं तो इन लोगों को भविष्य में किसी भी दुर्घटना का सामना नहीं करना पड़ता है। ऐसे लोग हर एक तरह की परेशानी से बचे रहते हैं।
सूर्य का मकान
सूर्या रोशनी के रास्ते बताएगा। मकान का दरवाजा पूर्व की ओर होगा। सहन मकान के बीच में होगा। आग के संबंध सहन में होंगे। हो सकता है कि पानी का संबंध मकान से बाहर निकलते हुए सहन मे हीं हो। वह इधर-उधर किसी और जगह नहीं होगा।
चंद्र का मकान
चंद्र जमीन एवं धन दौलत का स्वामी है और सूर्य से मिलता है। प्रथम तो मकान के अंदर ही वरना मकान के बाहर की चारदीवारी से लगता हुआ अथवा उस मकान से जातक के अपने 24 कदम दूर हुआ, हैंडपंप तालाब आदि चलता हुआ पानी अवश्य होगा। जमीन के अंदर से कुदरती पानी चंद्र होगा। बनावटी नलका चंद्र नहीं होगा। झरने आदि चंद्र गिने जाते हैं।
मंगल नेक का मकान
यह ग्रह बृहस्पति, चंद्र और सूर्य के साथ चलता है। मगर उनके दाएं या बाएं चौकीदार के समान होगा। मकान का दरवाजा उत्तर दक्षिण में होगा। कच्चे या पक्के होने की शर्त नहीं। स्त्री पुरुष एवं जानदारो के आने-जाने की बरकत देगा।
मंगल बद का मकान
मकान का दरवाजा सिर्फ दक्षिण में होगा। मकान के साथ या मकान के ऊपर किसी वृक्ष का साया, आग, हलवाई की दुकान और भट्टी का स्थापन होगा। मकान में या मकान के साथ कब्रिस्तान या शमशान होगा। हो सकता है कि वह खुद ही काना एवं निःसंतान हो। अगर किस्मत अच्छी नहीं होगी तो उसे उसमें रहने का मौका भी नहीं मिलेगा।
बुध का मकान
मकान के चारों तरफ खालि या खुला दायरा होगा। वह अकेला ही होगा। चौड़े पत्तों के वृक्षों का साथ होगा। बृहस्पति और चंद्र के वृक्ष का साथ नहीं होगा। अगर होगा तो वह घर बुध की दुश्मनी का पूरा सबूत देगा। पीपल एवं बरगद का वृक्ष बृहस्पति, शहतूत चंद्र तथा लसूड़ा बुध होता है।
बृहस्पति का मकान
बृहस्पति हवा के रास्तों से संबंधित है। मकान का सहन किसी एक कोने में होगा। चाहे शुरू में या आखिर में अथवा दाए या बाय मगर बीच में नहीं होगा। मकान का दरवाजा उत्तर दक्षिण में नहीं होगा। हो सकता है कि पीपल का वृक्ष या कोई धर्म स्थान, मंदिर, गुरुद्वारा आदि मकान में या मकान से बिल्कुल सटा हुआ हो।
शुक्र का मकान
मकान के संबंध में यह ग्रह सूर्य के विरुद्ध होगा। मकान में कच्चा हिस्सा जरूर होगा। दरवाजे उत्तर दक्षिण में होंगे। उसका सबूत सफेद कली, चूने का हिस्सा और पलस्तर से होगा।
शनि का मकान
यह ग्रह मकान में चारदीवारी से संबंधित होगा। यह सूर्य के विपरीत चलता है। मकान का बड़ा दरवाजा पश्चिम की ओर होगा। मकान की सबसे आखिरी कोठरी जो बाहर से अंदर को प्रवेश करते वक्त दाई हाथ की ओर हो, पूरी अंधेरी होगी। जिस दिन उसमें रोशनी का प्रबंध ना हो उस दिन शनि का फल उत्तम रहेगा। जिस दिन थोड़ी सी भी सूर्य की रोशनी के आने का प्रबंध होगा सूर्य शनि का झगड़ा होगा। वह घर बर्बाद हो जाएगा। मकान में पत्थर गड़ा होगा। पहली दहलीज पुरानी लकड़ी शीशम, कीकर, बेर, प्लाई आदि की होगी। नए जमाने की लकड़ी आदि की नहीं होगी। छत पर भी पुरानी लकड़ी का साथ आम होगा। हो सकता है कि इस मकान में स्थम्ब या मीनार का साथ हो।
राहु का मकान
बाहर से अंदर जाते समय उस मकान में दाएं हाथ पर कोई गुमनाम गड्ढा होगा। बड़े दरवाजे की दहलीज के बिल्कुल नीचे से मकान का पानी बाहर निकलता होगा। मकान के सामने का पड़ोसी संतान रहित होगा या उस मकान में कोई रहता नहीं होगा। मकान की छते कई बार बदली गई होगी, पर दीवारें नहीं बदली गई होंगी। कोई कच्चा धुआ या गंदा पानी जमा करने का गड्ढा साथ होगा।
केतु का मकान
बच्चों से संबंधित केतु खिड़कियां दरवाजे बताएगा। बुरी हवा अचानक धोखा देगी। कोने का मकान होगा। तीन तरफ मकान और एक तरफ खुला होगा। अथवा तीन तरफ खुला और एक तरफ कोई मकान होगा। केतु के मकान में नर संतान, लड़के यां पोते होंगे। मगर एक ही लड़का और एक ही पोता कायम होगा। इस मकान के दो तरफ जाता हुआ रास्ता होगा। साथ का हमसाया मकान कोई न कोई जरूर गिरा हुआ होगा या कुत्तों के आने-जाने का खाली मैदान सा होगा।