१. अगर उच्च ग्रह वाला जातक अपने उच्च ग्रह से संबंधित चीज का दान दें या नीच ग्रह से संबंधित किसी चीज का दान ले तो इसका बुरा परिणाम होगा। यह मंदे जहर का काम करेगा।
२. यदि चंद्र छठे घर में हो तो आम लोगों की भलाई के लिए तालाब, कुआ, बावड़ी बनवाना, प्याऊ लगाना या पानी का अन्य प्रकार से दान देना अथवा अपनी कमाई का भाग ऐसे कार्य के लिए देना जातक को हानिकारक सिद्ध होगा। ऐसे जातक को दान संतानहीन करके छोड़ेगा या असमय की मौतों के कारण वंश घटता जाएगा।
३. अगर आठवें घर में शनि हो तो जातक द्वारा धर्मशाला या मुसाफिरों के लिए मुफ्त आराम करने की जगह बनवाना नुकसानदेह होगा। ऐसा जातक दान करने से स्वयं बेघर हो जाएगा।
४. यदि शनि पहले घर में और बृहस्पति पांचवे घर में हो तो ऐसे जातक द्वारा किसी फकीर को तांबे का पैसा देना उसके अपने बच्चे के अचानक मृत्यु का, अशुभ समाचारों और मौतों के आने का संदेश होगा।
५. यदि बृहस्पति दसवें घर में और चंद्र चौथे घर में हो तो जातक द्वारा धर्मार्थ जगह, मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा बनवाना जो आम लोगों के इस्तेमाल के लिए हो झूठी तोहमत या फांसी की सजा का कारण बनेगा।
६. यदि शुक्र नव्वे घर में हो तो ऐसे जातक द्वारा गरीब यतीम बच्चों की पढ़ाई के लिए वजीफा, पुस्तक एवं दवा के पैसे देना अपने लिए आर्थिक गड्ढा खोदने जैसा होगा।
७. अगर चंद्र बारहवें घर में हो तो साधु फकीर को रोज रोटी खिलाना अथवा मुफ्त विद्या देने के लिए कोई स्कूल खोलना जातक को बीमारीयो या दुखों से ऐसा ग्रस्त कर देगा कि उसे मौत के बाद भी शांति नहीं मिलेगी।
८. अगर बृहस्पति सातवें घर में हो तो जातक द्वारा किसी साधु या धर्म स्थल के पुजारी को मुफ्त नए कपड़े देना अपने आपको निर्धन करना है। इसका उसकी अपनी औलाद पर भी बुरा असर पड़ेगा।
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