मोती रत्न का महत्व

मोती रत्न का महत्व

ज्योतिष और रत्न शास्त्र में बताया गया है कि रत्न हमारी कुंडली में मौजूद ग्रहों की शुद्धता को बढ़ाने का काम करते हैं । पृथ्वी में पाए जाने वाले रत्न मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता को बढ़ाते हैं । हर एक रत्न किसी न किसी ग्रह से सम्बंधित होता है, लेकिन किसी भी व्यक्ति को बिना किसी विद्वान की सलाह के रत्न नहीं पहनना चाहिए । ऐसा माना जाता है कि रत्न कुंडली, जन्मतिथि और ग्रह नक्षत्रों के आधार पर ही धारण करना चाहिए, नहीं तो यह रत्न अशुभ प्रभाव भी देना शुरू कर देते हैं ।

जैसे की पहले बताया है कि ग्रहों का संबंध किसी न किसी रत्न से जरूर होता है । ऐसे में मोती चंद्रमा का रत्न माना गया है । जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा अच्छे भाव में विराजमान होते हैं, उन्हें मोती धारण करने की सलाह दी जाती है ताकि चंद्रमा का शुभ प्रभाव जातक को ज्यादा से ज्यादा मिल सके । मोती समुद्र की गहराईयों में पाया जाने वाला एक विशेष रत्न होता है । यह सफेद और हल्के पीले रंग का होता है । मोती सबसे अच्छा मोती साउथ सी मोती को माना गया हैं । मोती को धारण करने से मन शांत और तनाव रहित होता है । जिन जातकों को रात में नींद नहीं आती उन्हें मोती पहनने की सलाह दी जाती है । मोती पहनने से व्यक्ति की आर्थिक उन्नति होती है ।

इस मोती रत्न के पहनने से व्यक्ति को क्या क्या फायदे होते हैं वो आपको नीचे दिये गाए बिंदुओं में बताया गया है।

  • जब व्यक्ति के मन मे नकारात्मक विचार आने लगते हैं तब यह मोती उन नकारात्मक विचारों का नाश करता है और व्यक्ति के मन को एक स्थिर अवस्था में रखता है।
  • जब भी व्यक्ति इस मोती रत्न को धारण करता है तब उसके रिश्तों में मधुरता बढ़ती है और खास कर यह मोती पति पत्नी के रिश्तों को मजबूत बनाता है।
  • इस मोती रत्न को पहनने से व्यक्ति की वाणी में मधुरता आती है। यह व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उसके जीवन में समृद्धि लाता है।
  • यह मोती व्यक्ति को बुरी ताकतों से बचाता है और व्यक्ति की शारीरिक शक्ति में भी बढ़ोत्तरी करता है। इसे पहनने के बाद व्यक्ति अपने आप में बहुत अच्छा अनुभव करता है।
  • इस रत्न के अच्छे प्रभाव से स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती है और यह कलात्मकता संगीत कला और स्नेह के प्रति व्यक्ति को उत्तेजित करता है।

इस पूरे संसार में पाए जाने वाले सभी रत्नों के कुछ ना कुछ फायदे तथा नुकसान जरूर होते हैं । ऐसे में कभी कभी क्या होता है कि व्यक्ति जब रत्न धारण करता है तब वह उस रत्न के फ़ायदों के लिए पहनता है लेकिन कभी कभी इसका ठीक उल्टा हो जाता है । जब व्यक्ति रत्न को विधि पूर्वक नहीं पहनता है। तब व्यक्ति को इन रत्नों के बुरे प्रभावों से सामना करना पड़ता है । इसलिए जब भी किसी रत्न को धारण करे तो उससे पहले किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से परामर्श ज़रूर ले लें । अगर आप ज्योतिष परामर्श नहीं लेते है तो आपको इस मोती रत्न के नकारात्मक प्रभाव देखने पड़ सकते है, जो कुछ इस प्रकार है-

  • जब कोई व्यक्ति इस मोती रत्न को बिना किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य के परामरशानुसार पहनता है तो उस व्यक्ति को सबसे ज्यादा उसे मानसिक बीमारी का खतरा होता है।
  • अगर आप इस रन को बिना परामर्श के पहनते है तो यह आपको शारीरिक परेशानियाँ भी दे सकता है।
  • अत्यधिक भावुक लोगों और क्रोधी लोगों को चांदी या मोती नहीं पहनना चाहिए। इससे उनकी भावुकता या क्रोध में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
  •  ज्योतिष के अनुसार चंद्र 12वें या 10वें घर में है तो मोती नहीं पहनना चाहिए।
  •  ज्योतिष के अनुसार ही वृष, मिथुन, कन्या, मकर और कुम्भ लग्न के लिए मोती धारण करना नुकसानदायक है।
  •  यह भी कहा गया है कि शुक्र, बुध, शनि की राशियों वालों को भी मोती धारण नहीं करना चाहिए।

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