सिंहासन राजयोग – नरेंद्र मोदी जी को बनायेगा पुनः प्रधानमंत्री

सिंहासन राजयोग – नरेंद्र मोदी जी को बनायेगा पुनः प्रधानमंत्री

राजा के तुल्य जीवन दिलाने वाला योग सिंहासन राजयोग जो बनता है मारक ग्रहों से और कुंडली के त्रिक भावों में सभी ग्रहों के आने से। जिस प्रकार 6-8-12 के मालिक जब 6-8-12 में ही बैठ जाते हैं तो विपरित राजयोग बनता है, ठीक कुछ इसी प्रकार यह सिंहासन राजयोग भी बनता है।

दशमेश के केन्द्र, त्रिकोण, अथवा धन भाव में स्थित होने से निर्मित होता है सिंहासन योग। जन्म कुण्डली में दशम भावाधीश केन्द्र, त्रिकोण अथवा द्वितीय इनमें से किसी एक स्थान पर भी स्थित हो तो ऎसा जातक उच्च स्थान पाता है। वह राज सिंहासन पर सुशोभित होने वाला राजा समान होता है, उसकी कीर्ति सभी ओर फैलती है तथा उसकी सेना हाथी इत्यादि सदैव परिपूर्ण रहती है।

दशमभवननाथे केन्द्रकोणे धनस्थे ।

वनिपतिबलयाने शस्तसिंहासनेषु ।।

स भवति नरनाथो विश्वविख्यात कीर्ति।

मर्दगलितकपोलै: सद् गजै: सेव्यमान:

अर्थ:

दशमेश यदि केन्द्र, त्रिकोण या धन भाव में से किसी में भी स्थित होने पर जातक समृद्धशाली, यशस्वी और कीर्तिवान बन सकता है। व्यक्ति को जीवन में उच्च पद की प्राप्ति होती है तथा सौभाग्य में वृद्धि पाता है. दशमेश की शुभ स्थिति होने पर कर्म स्थान बल पाता है।

कुण्डली में बनने वाले सिंहासन योग के लाभ

आईये जानते हैं की सिंहासन योग का लाभ –

  1. जिस जातक की कुण्डली में सिंहासन योग बनता है उसे अपने परिश्रम द्वारा कार्यक्षेत्र में बहुत सम्मान मिलता है.
  2. व्यक्ति अपने काम के प्रति जिम्मेदार होता है और उसमें मेहनत करने की योग्यता भी होती है.
  3. जातक अपने परिवार के भाग्य का निर्माता भी बनता है. अपने कर्म से वो परिवार को भी सम्मानित स्थान दिलाता है.
  4. आर्थिक क्षेत्र में उसे बहुत अधिक परेशानियां नहीं उठानी पड़ती हैं.
  5. जातक में रचनात्मकता होती है पर सही मार्गदर्शन मिलने पर ही वह बाहर आती है.
  6. मित्रों के साथ मिलकर रहने वाला और हर परिस्थिति में साथ निभाने वाला होता है.
  7. शिक्षा के क्षेत्र में आगे रहता है.
  8. व्यक्ति बहुत अधिक परिवर्तन पसंद नही होता है.
  9. जातक बौद्धिकता के बल पर काम करने में भी कुशल होता है.
  10. अच्छा वक्ता होता है और सलाहकार भी बन सकता है.

श्री नरेंद्रभाई मोदी

ऊपर दिए गए मोदी जी की पत्री से विदित होता है की उनकी कुंडली में सिंहासन राज योग है। दशम भाव का मालिक द्वितीय भाव में स्व राशि मंगल के साथ रूचक महा राज योग भी बनाता है।

पंचम भाव जो राज सत्ता को दिखाता है उसका मालिक शनि एकादश भाव से पंचम भाव को देख रहा है जो की योग कारक भी है।

शनि की युति शुक्र के साथ जो कि भारत के कुंडली का लग्नेश भी है, मोदीजी की कुंडली का लग्नेश है। लग्नेश का योग कारक ग्रह का होना और बृहस्पति से दृष्ट होना भी एक अच्छा योग है।

राहु का छटे भाव में होना शत्रु हंता योग भी बनाता है। यह योग योगी जी अपने शत्रुओं पर विजय दिलाने के लिए सक्षम हैं। ऊपर युक्त विश्लेषण यही इंगित करता है कि ४ जून को बीजेपी की जीत निश्चित है और मोदीजी पुनः प्रधानमंत्री बनेंगे।

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