भारतीय ज्योतिषाचार्यों ने मनुष्य के जीवन में रत्नों के महत्व के बारे में बहुत कुछ बताया है। आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए ही ज्योतिषाचार्य रत्न पहनने की सलाह देते हैं। रत्नों के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कई परिवर्तन आते हैं। रत्न ग्रहों का बल बढ़ाने का काम करते हैं। रत्न धारण करने से पहले कुंडली का बारीकी से विश्लेषण बहुत जरूरी होता है। क्योंकि गलत रत्न पहनने से इसके नाकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। आज हम ऐसे ही एक रत्न के बारे में बात करेंगे। मूंगा नाम का ये रत्न मंगल ग्रह से संबंधित है। कहा जाता है कि किसी की कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी है तो उसके साथ सब मंगल ही मंगल होगा। वहीं, मंगल कमजोर है तो व्यक्ति को अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। आइये जानते हैं मूंगा धारण करने के लाभ और सही तरीका।
मूंगा धारण करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
– बिना कुंडली दिखाए मूंगा नहीं पहनना चाहिए। दरअसल, मंगल की दो राशियां होती हैं मेष और वृश्चिक।
– जिस व्यक्ति की राशि मेष, वृश्चिक हो या लग्न में सिंह, धनु, मीन राशि हो वह लोग मूंगा पहन सकते हैं।
– यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो ऐसे व्यक्ति को मूंगा धारण करना से लाभ मिलता है। मूंगा मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करता है।
– किसी व्यक्ति में अगर आत्मविश्वास की कमी हो या फिर जो सपनों में डर जाता हो तो वह अपनी कुंडली दिखाकर मूंगा धारण कर सकते हैं।
मूंगा पहनने के लाभ
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि मूंगा धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है. साथ ही मानसिक शांति प्राप्त होती है. स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए या जॉब करने वाले युवाओं को भी मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. परंतु कोई भी रत्न धारण करने से पहले अपनी कुंडली ज्योतिषी जानकार को दिखाना आवश्यक होता है. जिससे आपको सही जानकारी प्राप्त हो सके और उसका पूर्ण लाभ मिल सके.
मंगल ग्रह हमारे अंदर अग्नि तत्व की प्रधानता को निरूपित करता है, बहुत से ऐसे जातक होते हैं, जिनकी लग्न कुंडली में मंगल ग्रह सुप्त अवस्था में होता है, या वह पूरी तरह से निष्क्रिय होता है, जिसकी वजह से जातक के अंदर ऊर्जा शक्ति की कमी रहती है, जिसके कारण वह अपने कार्यों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं कर पाता है, ऐसी स्थिति में मूंगा रत्न धारण किया जाता है, जिससे जातक को मंगल ग्रह से संबंधित शक्तियां प्राप्त हो एवं मंगल से संबंधित कार्य संपन्न हो।
दूषित मंगल से पीड़ित व्यक्ति बहुत ही जिद्दी स्वभाव के होते हैं, एवं उनमें घमंड भी बहुत अधिक होता है। वह बहुत दंभी किस्म के होते हैं, कई बार तो ऐसी भी परिस्थितियां उत्पन्न होती है, कि जातक अपने परिवार वालों से ही बैर कर लेते हैं, और घर छोड़कर कहीं अन्यत्र चले जाते हैं। परिस्थितियां ऐसी हो जाती है, कि उनके जीवन में शायद ही कोई कहने को अपना रहे उसके स्वयं मित्र भी उसके शत्रु के समान ही कार्य करते हैं, एवं मौका मिलने पर जातक की स्थिति को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कई बार ऐसे जातक दूसरे के बहकावे में भी आकर गलत निर्णय ले लेते हैं, एवं गलत कार्यों की ओर आकर्षित होने लगते हैं|
मूंगा को धारण करने का सबसे बड़ा लाभ यही है कि ये मंगल ग्रह से जुड़े मांगलिक दोष को दूर करने में मदद करता है। मांगलिक दोष के कारण व्यक्ति के विवाह में दिक्कतें आती हैं और उसका वैवाहिक जीवन भी सुख से वंचित रहता है। मूंगा स्टोन रिश्तों में प्रेम और आपसी समझ को बढ़ाता है। अगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है तो आपको भी ज्योतिषाचार्य से कुंडली विश्लेषण करवाने के बाद मूंगा स्टोन पहनना चाहिए।
काम-धंधे और व्यापार पर भी मूंगा का सीधा असर पड़ता है। इस स्टोन को पहनने से धारणकर्ता को काला जादू और बुरी नज़र से भी सुरक्षा मिलती है।
अगर कोई व्यक्ति कर्ज में दबा हुआ है या आर्थिक तंगी से परेशान है तो उसे भी मंगल का मूंगा स्टोन पहनने से लाभ होगा। मूंगा में समाहित ऊर्जा कम समय में कर्ज से मुक्ति दिलाने में मदद कर सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है तो उसे मूंगा पहनने से धैर्य एवं साहस की प्राप्ति होती है।
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