चन्द्रमंगल योग

चन्द्रमंगल योग

जन्म कुण्डली में अगर चन्द्र और मंगल किसी भी एक राशि में एक साथ हो तो यह योग बनता है। इसके साथ ही इस योग में अगर चंद्रमा और मंगल एक दूसरे को देख रहे हैं तो भी इस योग का निर्माण होता है। इस योग वाले व्यक्ति के पास बहुत सी धन -संपति होती है। परन्तु उसके अपनी माता और अन्य सगे संबन्धियों के साथ उसका व्यवहार अच्छा नहीं होता है। जब चन्द्र और मंगल पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो व्यक्ति ईमानदारी से धन कमाता है। किन्तु अगर किसी पाप ग्रह की दृष्टि हो तो व्यक्ति धन कमाने के लिए अनुचित रास्तों का प्रयोग करता है।

चन्द्र मंगल योग व्यक्ति को उच्च मनोबल में वृ्द्धि करता है। ऎसा व्यक्ति सामर्थ्यवान और शक्तिशाली होता है । व्यक्ति बुद्धिमान और एकाग्र मन वाला होता है । इसके साथ ही यह योग क्योकि धन योग है, इसलिए इस योग वाला व्यक्ति अपने पुरुषार्थ से धन अर्जित करने में सफल होता है ।

इस योग के प्रभाव से व्यक्ति में क्रोध भी अधिक होता है । मंगल का संबंध चंद्रमा के साथ होने पर जातक एक प्रकार से जिद्दी भी हो सकता है । अपने साहस के कारण ही वो परेशानियों से भी बेहतर रुप से निजात पा सकता है। अपने काम को करने में दूसरों की मदद नही मिल पाती है। अपने संघर्ष से आगे बढ़ने की योग्यता जातक में होती ही है । इस योग का प्रभाव नकारात्मक रुप से जातक की माता को प्रभावित कर सकता है ।

इस योग में अशुभ प्रभाव के कारण जातक को इसके विपरित परिणाम झेलने पड़ सकते हैं जैसे की व्यक्ति व्यर्थ के वाद-विवाद में फंस कर परेशान होता है । जातक गलत कामों में पड़ सकता है और शार्टकट के रास्ते अपना कर अपने लिए स्थिति खराब कर देता है । स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं उसे परेशान कर सकती है। मानसिक रुप से जातक तनाव और क्रोध का शिकार होता है।

चन्द्र और मंगल दोनों अलग अलग गुणों को धारण करते है और इनकी प्रकृति भी अलग है फिर भी चन्द्रमा मंगल के प्रति मित्रता रखता है । चन्द्रमा मन पर अधिकार रखता है। उग्र प्रकृति का होने के कारण चन्द्रमा के साथ मंगल का योग व्यक्ति को क्रोधी और उग्र बनाता है। यह योग अशुभ प्रभाव में होने पर मन अस्थिर और विचलित रहता है। व्यक्ति में एकाग्रता की कमी रहती है। यह योग व्यक्ति में चारित्रिक दोष उत्पन्न कर सकता है। कुण्डली में चन्द्र मंगल का अशुभ योग बनने पर व्यक्ति अनैतिक तरीके से धन अर्जन करने से भी परहेज नहीं करता।

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